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Blood Donation in Hindi
“रक्तदान महादान” ये वाक्य आपने जरूर ही सुना होगा. आपका खून किसी जरुरत मंद की जिंदगी बचा सकता है. 18 से 60 साल का कोई भी व्यक्ति चाहे स्त्री हो या पुरुष, वह रक्तदान कर सकता है. मगर मासिक धर्म, गर्भावस्था और स्तनपान की स्थिति में महिलाओं को रक्तदान से बचना चाहिए. किसी भी अधिकृत ब्लड डोनेशन कैंप में ही रक्तदान करना चाहिए.
जब भी आप रक्तदान करने जाते है, सबसे पहले कैंप में आपके कुछ ब्लड टेस्ट होते है जैसे कि – कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, एड्स, अनुवांशिक बीमारियाँ इत्यादि. अगर आपके सारे टेस्ट रिपोर्ट सही रही, तो आप रक्तदान कर सकते है.
ब्लड ग्रुप के प्रकार | Types of Blood Group in Hindi
मानव शरीर में मुख्यतः 4 प्रकार के ब्लड ग्रुप होते है – A, B, AB, तथा O. इसके साथ प्रत्येक ब्लड ग्रुप के दो एंटीजन होते है पॉजिटिव (+) और नेगेटिव (-). लाल रक्त कोशिकाओं में एक तरह का एंटीजन होता है. इसे कहते हैं RhD. यह एंटीजन 61 Rh टाइप के एंटीजनों के समूह का हिस्सा होता है. जब ख़ून में Rhd हो तो इसे पॉज़िटिव ब्लड ग्रुप और अगर न हो तो नेगेटिव ब्लड ग्रुप टाइप कहा जाता है.

ब्लड ग्रुप O नेगेटिव वाला व्यक्ति किसी भी ग्रुप को दे सकता है, परंतु सिर्फ O नेगेटिव ग्रुप वाले का ही ब्लड ले सकता है. इसीलिए इसे यूनिवर्सल डोनर कहा जाता है. इसके विपरीत AB ग्रुप वाला व्यक्ति किसी भी ग्रुप वाले का ब्लड ले सकता है, किंतु सिर्फ AB ग्रुप वाले को डोनेट कर सकता है. इसीलिए इसे यूनिवर्सल रिसीवर कहते है.
यदि पॉजिटिव ग्रुप वाले व्यक्ति का ब्लड, नेगेटिव ब्लड ग्रुप वाले शख्स को चढ़ाया जाए तो यह उसके लिए जानलेवा साबित हो सकता है. इसलिए ब्लड ट्रांस्फुजन के दौरान ब्लड ग्रुप के साथ-साथ एंटीजन पर भी ध्यान देना आवश्यक है.
मुंबई ब्लड ग्रुप क्या है? | बॉम्बे ब्लड ग्रुप क्या है | Bombay Blood Group in Hindi
बॉम्बे ब्लड ग्रुप“O” पॉजिटिव रक्त समूह का एक ऐसा ब्लड ग्रुप है जो लाखों लोगों में से किसी एक में पाया जाता है। इस ग्रुप को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट ब्लड ग्रुप भी कहते है। यह सिर्फ अपने हीBlood Groupयानी एचएचब्लड (HH blood)टाइप वालों से हीब्लडले सकता हैं। भारत में इसब्लडग्रुप के 279 सदस्य हैं.
इसरक्त समूहकी खोज सबसे पहलेबॉम्बे(अब मुंबई) में 1952 में डा.वाई एम भेंडेद्वारा की गई थी इसलिए इस रक्त समूह का नाम ‘बॉम्बे ब्लड ग्रुप’ पड़ा. इस रक्त समूह को Hh और Oh रक्त समूह भी कहते है. इस रक्त समूह का h प्रतिजन, O रक्त समूह के प्रतिजन की भाँतिखुद को अभिव्यक्त नही कर पाता है. इसके कारण ही यह रक्त समूह अपनीलाल रक्त कोशिकओंमें A और B एंटीजन नही बनाता. A और B एंटीजन न बनाने के कारण ही इस रक्त समूह के लोग किसी भी ब्लड ग्रुप के लोगो को अपना रक्त दे तो सकते है पर किसी और ब्लड ग्रुप से रक्त ले नही सकते.
बॉम्बे ब्लड ग्रुप उन लोगो में पाया जाता है जिन्हें विरासत में Hअनुवांशके 2 एलील मिलते है. इस रक्त समूह वाले लोग Hकार्बोहायड्रेटनही बना पाते जो A और B ब्लडग्रुप एंटीजेंस के अग्रगामी है. इसका यह मतलब है की इस रक्त समूह में A और B प्रतिजन के एलील मौजूद तो है पर वह खुद को व्यक्त नहीं कर पाते. यह रक्त समुह उनमें देखने को मिलता है, जिन्हें जेनेटिकली दोनों ही एलील ऐसे मिले जो की प्रतिसारी हो.
ऐसे लोगो को अपना ब्लड डोनेट करके उस ब्लड को ब्लड बैंक में सेव करके रखना चाहिए. भविष्य में अगर इनके साथ कोई भी दुर्घटना हो गयी, तो ऐसी स्थिति में इनका संरक्षित किया हुआ ब्लड इनके काम आ सकता है और ये लोग स्वयं अपनी जिंदगी बचा सकते है.
रक्तदान करने के फायदे के फायदे | Benefits of Blood Donation in Hindi
रक्तदान करने से व्यक्ति के शरीर और मन दोनों पर बहुत अच्छा प्रभाव पड़ता है. लेकिन हममे से बहुत से लोग इसके फायदे के बारे में जानते ही नहीं है. तो चलिए जानते है कि ब्लड डोनेशन के क्या-क्या फायदे होते है.
1. दिल की सेहत | raktdaan ke fayde
आयरन एक प्रकार का मिनरल होता है जो हमारे ह्रदय में जमा होता है. ब्लड में आयरन की मात्रा ज्यादा होने से ह्रदय पर दबाव बनता है. परिणामस्वरूप ह्रदय को क्षति पहुँचती है, जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना रहती है.
नियमित रूप से रक्तदान करने से ब्लड में स्थित अतिरिक्त आयरन की मात्रा नियंत्रित रहती है जिससे दिल का दौरा पड़ने की संभावना कम रहती है.
2. कैंसर का खतरा कम होता है | Low risk of Lever and Pancreatic Cancer
शरीर में स्थित अत्यधिक आयरन आपके ह्रदय के साथ-साथ लीवर और अग्न्याशय में भी जमा होता है, जिसके कारण लीवर और अग्न्याशय को खतरा रहता है. नियमित रक्तदान करने से लीवर में अत्यधिक आयरन की मात्रा नियंत्रित रहती है. परिणामस्वरूप लीवर और अग्न्याशय के कैंसर से बचा जा सकता है.
3. नयी रक्त कोशिकाओं का निर्माण | Production of New Blood cells
रक्तदान करने के बाद शरीर में ब्लड की कमी को पूरा करने के लिए लाल रक्त कोशिकाएँ नयी कोशिकाओं का निर्माण करती है. इससे आपके शरीर को नयी उर्जा मिलती है और आप काफी हाई फील करते है.
4. तनाव से मुक्ति | Stress reliever
रक्तदान करने से शरीर में नयी उर्जा का संचार होता है. रक्त में नयी कोशिकाओं का निर्माण होता है जो आपके स्ट्रेस लेवल को कम कर सकता है.
5. ब्लड प्रेशर नियंत्रित करें | Control Blood Pressure
नियमित रूप से रक्तदान करने के कारण ब्लड सर्कुलेशन अच्छा बना रहता है. परिणामतः ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है.
6. फ्री हेल्थ चेक अप | Free Health Check-up
ब्लड डोनेट करने से पहले आपके ब्लड की जाँच की जाती है. जांच द्वारा हीमोग्लोबिन के स्तर का पता लगाया जाता है और साथ ही साथ कुछ संक्रमण तथा बीमारियों की आशंका की भी जांच की जाती है. खून की जांच से यह पता लगाया जाता है कि व्यक्ति रक्तदान के लिए फिट है या नहीं. और यह सब बिल्कुल मुफ्त में होता है. इसलिए नियमित रूप से ब्लड डोनेशन से आप अपनी सेहत पर भी नजर बनाए रख सकते हैं.
कितनी बार रक्तदान करना चाहिए | How often can you donate blood?
एक स्वस्थ व्यक्ति हर 4 महीने के बाद रक्तदान कर सकता है. लेकिन एक्सपर्ट के अनुसार 6 महीने में एक बार ब्लड डोनेट करना हेल्दी मना जाता है. एक बार रक्तदान में 470 ml ब्लड निकाला जाता है. खून को प्लाज्मा, प्लेटलेट और लाल रक्त कोशिकाओं जैसे घटकों में अलग-अलग किया जा सकता है. इनको अलग-अलग करके एक ही रक्तदान से 3 जिंदगियां बचाई जा सकती हैं.
रक्तदान कौन कर सकता है ? | Who can donate blood
18 से 60 वर्ष के व्यक्ति जिसका हीमोग्लोबिन का स्तर ठीक हो, किसी भी तरह की कोई अनुवांशिक बीमारी न हो, डायबिटीज, कोलेस्ट्राल, ब्लड प्रेशर, वायरल फीवर, सर्दी जुकाम जैसी समस्या न हो वह रक्तदान कर सकता है.
ब्लड डोनेट करने के बाद क्या खाना चाहिए ? | What to eat after blood donation in hindi
ब्लड डोनेट करने के कारण आपके शरीर में आयरन कि मात्रा कम हो जाती है. ऐसी स्थिति में आपको आयरन वाले फूड खाने चाहिए जैसे कि – मछली, पालक, गाजर, बीट, चिकेन, किशमिस, काजू, बादाम. इसके साथ-साथ आपको विटामिन्स C से भरे फूड का भी सेवन करना चाहिए जैसे संतरे तथा निम्बू. विटामिन C आयरन को ब्लड में घुलने में मदत करता है.
किसी भी तरह का कोई व्यायाम न करें. कम से कम 24 घंटे का समय दे अपनी बॉडी को रिकवर होने के लिए. 24 घंटे के बाद आप किसी भी तरह का शारीरिक व्यायाम कर सकते है.
FAQ
मानव शरीर में कितने ब्लड ग्रुप होते हैं?
Ans. 4
कौन सा ब्लड ग्रुप सबको खून दे सकता है?
Ans. ब्लड ग्रुप O
ब्लड ग्रुप कितने प्रकार के होते हैं और कौन कौन से होते हैं?
Ans. मानव शरीर में 4 ब्लड ग्रुप होते हैं – A, B, AB, तथा O. इन्ही में 2 तरह के एंटीजन पाए जाते है. इन्ही में से निगेटिव ( negative ) और पॉजिटिव (positive)ब्लड ग्रुपबांटे जातेहैं।
एक समय में कोई व्यक्ति कितना रक्तदान कर सकता है?
Ans. 6 महीने में एक बार करना हेल्थी माना जाता है.
रक्तदान कौन कर सकता है ? | Raktdan kaun kar sakta hai ?
Ans. 18 से 60
ब्लड डोनेशन में कितना ब्लड लिया जाता है ?
Ans. 1 यूनिट | 470 ml
ब्लड ग्रुप की खोज किसने और कब की?
Ans. सन 1900-1901 दौरान कार्ल लैंडस्टीनर ने
किस ब्लड ग्रुप के लोगो को कोरोना का खतरा सबसे कम है ?
Ans. O नेगेटिव
बॉम्बे ब्लड ग्रुप की खोज किसने की ?
Ans. डा.वाई एम भेंडे
बॉम्बे ब्लड ग्रुप की खोज कब और कहाँ हुई ?
Ans. 1952, बॉम्बे(अब मुंबई) में
रक्तदान कौन नहीं कर सकता ?
जिनका वजन 50 किलो से कम हो तथा कोई बीमारी जैसे कि – हाई ब्लडप्रेशर, डायबिटीज, हीमोग्लोबिन कम हो.